इल्म

इल्म

इल्म बग़ैर अमल के वबाल है और अमल बग़ैर इल्म के तबाही है।
-हज़रत मोहम्मद

तबीयत

तबीयत

मोहब्बत की गर्मी भी,
क्या चीज है। 
तबीयत मेरी क्या से,
क्या हो गई है।

तबियत

तबियत

डॉक्टर: वाइफ की तबियत कैसी है,
हस्बैंड : अब ठीक है सुबह तो लड़ी भी थी |

तुझसे ऐतबार करना है,

तुझसे ऐतबार करना है,

तुझसे ऐतबार करना है,
दिलो जान से प्यार करना है,
ख्वाहिश ज्याद नहीं बस,
इतनी है मेरी,
की हर लम्हे में तुझे अपना,
बना के रखना है,
happy propse day

ख़ुशी तब मिलेगी ...

ख़ुशी तब मिलेगी ...

ख़ुशी तब मिलेगी जब आप जो सोचते हैं, जो कहते हैं और जो करते हैं, सामंजस्य में हों.

तब तक इंतज़ार करो

तब तक इंतज़ार करो

अगर तुम्हे लगता है कि तुम्हारी टीचर कठोर है, तो तब तक इंतज़ार करो जब तक तुम्हे बॉस नहीं मिल जाता।

तब तक नहीं रुको

तब तक नहीं रुको

उठो, जागो और तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य ना प्राप्त हो जाये.